नमस्कार दोस्तों अफीम किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी हैं कि 2018/19 की अफीम नीति आ गई हैं और
इस अफीम नीति में किसानों को काफी राहत दी गई है
*केंद्र ने घोषित की नई अफीम नीति*,
पट्टों के लिए घटाया मार्फिन प्रतिशत नई अफीम नीति में सरकार ने यह भी प्रवाधान किया है कि जिन अफीम किसानों की अफीम वर्ष 1999 से लेकर 2017 के बीच अफीम क्षारोद कारखाने नीमच और गाजीपुर में घटिया पाई गई थी, लेकिन उनका मार्फिन प्रतिशत 9 से अधिक था उनकों भी पट्टे का पात्र माना जायेगा.
केन्द्र सरकार ने नई अफीम नीति घोषित कर दी है. नई अफीम नीतिका जो खाका सामने आया है वो पूरी तरह आगामी चुनाव के मद्देनजर अफीम किसानों को लुभाने वाला है. नई अफीम नीति में केन्द्र सरकार ने अफीम किसानों को जमकर खुश करने की कोशिश की है क्योंकि देश में सबसे बडे अफीम उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने है. अफीम नीति को देख कर यह साफ लगता है कि सरकार ने अफीम किसानों के वोटों को देखते हुए अफीम नीति की घोषणा की है. इसके तहत ऐसे हजारों किसानों को पट्टे मिल जायेगें, जिनके अफीम के पट्टे पूर्व में विभिन्न कारणों से सरकार ने काट दिये थें.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन 28 सितम्बर 2018 के अनुसार मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के उन अफीम किसानों को 2018-19 में अफीम के पट्टे की पात्रता होगी, जिन्होंने बीते फसल वर्ष में अपनी अफीम में 4.9 प्रति हेक्टेयर की दर से मार्फिन प्रतिशत दिया हो अथवा उनका औसत 52 किलो प्रति हेक्टेयर रहा हो. इसमें सबसे खास बात यह है कि सरकार ने पिछले साल पट्टा देने के लिये मार्फिन प्रतिशत 5.9 प्रति हेक्टेयर तय किया था, लेकिन इसमें एक प्रतिशत प्रति हेक्टेयर कि कमी करते हुए हजारों किसानों को पट्टे का पात्र बना दिया गया है.
वहीं नई अफीम नीति में सरकार ने उन किसानों की बल्ले बल्ले कर दी जिनके वर्ष 1998-1999 से 2002-2003 तक के बीच कम औसत के कारण अफीम के लाइसेंस रद्द कर दिए थे. ऐसे किसानों को सरकार नई अफीम निती में एक किलो प्रति हेक्यर औसत कम करके उन्हें पुनः पट्टे जारी करेगी.
वही सरकार के इस गजट नोटिफिकेशन में उन अफीम किसानों को वर्ष 2002-03 से लगाकर 2016-17 तक के पट्टे मिलेगें जिनके पट्टे कम औसत के कारण काट दिये गयें थे परन्तु सरकार ऐसे किसानों के कटे वर्ष से पिछले पांच साल का औसत एवरेज 100 प्रतिशत पाये जाने पर उन्हे पुनः पट्टे जारी कर देगी
नई अफीम नीति में सरकार ने यह भी प्रवाधान किया है कि जिन अफीम किसानों की अफीम वर्ष 1999 से लेकर 2017 के बीच अफीम क्षारोद कारखाने नीमच और गाजीपुर में घटिया पाई गई थी, लेकिन उनका मार्फिन प्रतिशत 9 से अधिक था उनकों भी पट्टे का पात्र माना जायेगा.
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में उन किसानों को भी पट्टे का पात्र माना गया है जिन पर वर्ष 1999 से 2018 के बीच एनडीपीएस एक्ट 1985 के प्रावधानों के तहत मुकदमा चला हो, लेकिन उस मुकदमे में वे दोष मुक्त हो गये हो. सरकार उन किसानों को भी सरकार पट्टे देगी जिन्होंने 1 अप्रैल 2004 से लगाकर 2014-2015 के बीच लाइसेंस की शर्तो का उल्लंघन किया था या केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निर्देशों का पालन नहीं किया था और उनका पट्टा रद्द कर दिया गया था.
इनसब के अलावा नई अफीम नीति में मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिये जायेंगे. किसान दो भूखखंडों और लीज पर जमीन लेकर भी अफीम की खेती कर पायेगा. इसके साथ ही वर्ष 2018-2019 में अफीम किसान को 5.9 हेक्टर मार्फिन प्रतिशत देना अनिर्वाय होगा, तभी वह 2019-2020 में अफीम पट्टे के लिये पात्र होगा.
इस अफीम नीति में किसानों को काफी राहत दी गई है
*केंद्र ने घोषित की नई अफीम नीति*,
पट्टों के लिए घटाया मार्फिन प्रतिशत नई अफीम नीति में सरकार ने यह भी प्रवाधान किया है कि जिन अफीम किसानों की अफीम वर्ष 1999 से लेकर 2017 के बीच अफीम क्षारोद कारखाने नीमच और गाजीपुर में घटिया पाई गई थी, लेकिन उनका मार्फिन प्रतिशत 9 से अधिक था उनकों भी पट्टे का पात्र माना जायेगा.
केन्द्र सरकार ने नई अफीम नीति घोषित कर दी है. नई अफीम नीतिका जो खाका सामने आया है वो पूरी तरह आगामी चुनाव के मद्देनजर अफीम किसानों को लुभाने वाला है. नई अफीम नीति में केन्द्र सरकार ने अफीम किसानों को जमकर खुश करने की कोशिश की है क्योंकि देश में सबसे बडे अफीम उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने है. अफीम नीति को देख कर यह साफ लगता है कि सरकार ने अफीम किसानों के वोटों को देखते हुए अफीम नीति की घोषणा की है. इसके तहत ऐसे हजारों किसानों को पट्टे मिल जायेगें, जिनके अफीम के पट्टे पूर्व में विभिन्न कारणों से सरकार ने काट दिये थें.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन 28 सितम्बर 2018 के अनुसार मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के उन अफीम किसानों को 2018-19 में अफीम के पट्टे की पात्रता होगी, जिन्होंने बीते फसल वर्ष में अपनी अफीम में 4.9 प्रति हेक्टेयर की दर से मार्फिन प्रतिशत दिया हो अथवा उनका औसत 52 किलो प्रति हेक्टेयर रहा हो. इसमें सबसे खास बात यह है कि सरकार ने पिछले साल पट्टा देने के लिये मार्फिन प्रतिशत 5.9 प्रति हेक्टेयर तय किया था, लेकिन इसमें एक प्रतिशत प्रति हेक्टेयर कि कमी करते हुए हजारों किसानों को पट्टे का पात्र बना दिया गया है.
वहीं नई अफीम नीति में सरकार ने उन किसानों की बल्ले बल्ले कर दी जिनके वर्ष 1998-1999 से 2002-2003 तक के बीच कम औसत के कारण अफीम के लाइसेंस रद्द कर दिए थे. ऐसे किसानों को सरकार नई अफीम निती में एक किलो प्रति हेक्यर औसत कम करके उन्हें पुनः पट्टे जारी करेगी.
वही सरकार के इस गजट नोटिफिकेशन में उन अफीम किसानों को वर्ष 2002-03 से लगाकर 2016-17 तक के पट्टे मिलेगें जिनके पट्टे कम औसत के कारण काट दिये गयें थे परन्तु सरकार ऐसे किसानों के कटे वर्ष से पिछले पांच साल का औसत एवरेज 100 प्रतिशत पाये जाने पर उन्हे पुनः पट्टे जारी कर देगी
नई अफीम नीति में सरकार ने यह भी प्रवाधान किया है कि जिन अफीम किसानों की अफीम वर्ष 1999 से लेकर 2017 के बीच अफीम क्षारोद कारखाने नीमच और गाजीपुर में घटिया पाई गई थी, लेकिन उनका मार्फिन प्रतिशत 9 से अधिक था उनकों भी पट्टे का पात्र माना जायेगा.
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में उन किसानों को भी पट्टे का पात्र माना गया है जिन पर वर्ष 1999 से 2018 के बीच एनडीपीएस एक्ट 1985 के प्रावधानों के तहत मुकदमा चला हो, लेकिन उस मुकदमे में वे दोष मुक्त हो गये हो. सरकार उन किसानों को भी सरकार पट्टे देगी जिन्होंने 1 अप्रैल 2004 से लगाकर 2014-2015 के बीच लाइसेंस की शर्तो का उल्लंघन किया था या केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निर्देशों का पालन नहीं किया था और उनका पट्टा रद्द कर दिया गया था.
इनसब के अलावा नई अफीम नीति में मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिये जायेंगे. किसान दो भूखखंडों और लीज पर जमीन लेकर भी अफीम की खेती कर पायेगा. इसके साथ ही वर्ष 2018-2019 में अफीम किसान को 5.9 हेक्टर मार्फिन प्रतिशत देना अनिर्वाय होगा, तभी वह 2019-2020 में अफीम पट्टे के लिये पात्र होगा.
तो दोस्तों सबसे पहले इन फोटो को देखें
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Ye marfin or avarge kese dekte h or kya h kitni ari per kitni औसत kede nikalte h
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